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Saraswati Aarya

Romance Fantasy Others

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Saraswati Aarya

Romance Fantasy Others

हमें आप याद आयेंगे

हमें आप याद आयेंगे

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सुबह की गुनगुनी धूप संग जब

हवा अपनी सुगन्ध फैलायेगी

सुबह पलकें उठाकर जब जागूं

और ये आँखें आपको नहीं पाएंगी

जब नाश्ते की टेबल पर हम सब होंगे

पर आपके चाय का कप और

आपके बिस्कुट कम पाएंगे

हमें आप याद आयेंगे

लाल, गुलाबी, नीला, हरा

ये मन जाए उमंगों से भरा

कोई रंग उड़ाये, कोई झूम के गाये

होली की इस तरंग में 

जब आप गुलाल नहीं लगाएंगे

हमें आप याद आयेंगे

कभी पतझड़ की कतार झायेगी 

कभी बसंत की बहार आयेगी

कभी शरद ऋतु में ठिठुरेगा तन

और जब, कभी 

रिमझिम सावन की बौछारों में

अकेले भीग जायेंगे

हमें आप याद आयेंगे

जब लिखेंगे नग़्में हजार

कभी रूठना तो कभी प्यार

कभी मिलन तो कभी इंतजार

सिर्फ कल्पनाएँ होंगी

जब हकीकत न दर्शाएंगे

हमें आप याद आयेंगे।



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