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Rajit ram Ranjan

Drama Tragedy

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Rajit ram Ranjan

Drama Tragedy

हम लोग तो राज नेता हैं...!

हम लोग तो राज नेता हैं...!

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जब चाहे दोस्ती,

जब चाहे दुश्मनी कर लेते हैं,

आप लोग आपस में

लड़ो-मरो क्या फर्क पड़ता है

हम लोग तो नेता हैं

हम लोग तो राजनेता है!


अभिनेता जैसे अभिनय करने हमको आते हैं,

जनता के सामने दिखावे भी कर जाते हैं,

तुम आपस में लड़ते हो हम साथ में

मिलकर बैठकर खाते हैं,

यह बात और है कि टीवी न्यूज़ चैनलों पर

हम एक दूसरे के प्रति गुस्सा दिखाते हैं,

तुम लोग भले ही आपस में लड़ो-मरो, कटो

यह कहो कि यह पार्टी मेरी है

यह नेता मेरा है

मगर सच तो यह है कि

हम किसी के नहीं हैं

हम अपने फायदे के लिए जीते हैं

और फायदे के लिए मरते हैं,

हम ही माई बाप और हम ही विधाता हैं,

जब चाहे दोस्ती,

जब चाहे दुश्मनी कर लेते हैं,

आप लोग आपस में

लड़ो-मरो क्या फर्क पड़ता है

हम लोग तो नेता हैं

हम लोग तो राजनेता है!


तुम एक फूल के लिए तरसते हो,

और हम लाखों फूलों की माला पहने फिरते हैं,

तुम झोपड़ी में भी रहने के ख्वा

ब देखते हो

हम करोड़ों के फ्लैट में दिन रात बिताते हैं,

तुम खाली पेट सो जाते हो

हम गेहूं की बोरी भर भर के फेकवाते हैं,

सिर्फ चुनाव के टाइम हम सर झुकाते हैं

और जब तक सत्ता में रहते हैं सबसे सिर झुकवाते हैं,

हम सिर्फ अपने फायदे के लिए तुम्हारा इस्तेमाल करते हैं

और तुम सब हमारे चहेता है,

जब चाहे दोस्ती,

जब चाहे दुश्मनी कर लेते हैं,

आप लोग आपस में

लड़ो-मरो क्या फर्क पड़ता है

हम लोग तो नेता हैं

हम लोग तो राजनेता है!


चुनाव के टाइम हम चक्कर काटते हैं

और फिर बार-बार आपसे चक्कर कटवाते हैं,

संविधान की तो हर रोज, धज्जियां उड़ाते हैं

राशन का अनाज भी आधा चुराते हैं

कोई हमारा कुछ नहीं कर पाता

हम सब को धमकाते हैं डराते हैं,

संविधान अपने जेब में लेकर अपनी घूमता है,

जब चाहे दोस्ती,

जब चाहे दुश्मनी कर लेते हैं,

आप लोग आपस में

लड़ो-मरो क्या फर्क पड़ता है

हम लोग तो नेता हैं

हम लोग तो राज नेता है!



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