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Mayur Krishna

Drama Tragedy

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Mayur Krishna

Drama Tragedy

ना हो कभी

ना हो कभी

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कहने को है

बाते हज़ारों

पर होंठ हिलते नहीं

करीब तो है

हम मगर

फ़ासले मिट ते नहीं

कैसे तुझे समझाऊँ


कितना हूँ तन्हा यहाँ

और कोई ख्वायीश नहीं

बस दे दे मुझे

तू वफा

ना हो कभी तू जुदा

ना हो कभी तू खफा


दिल मेरा एक canvas जेसा

तेरा ही चेहरा बनए

मै भी बेबस हू अब

केसे प्यार छुपायें

हर घड़ी तेरी कमी

मिल जाये तू


मुझको अभी

वक़्त का क्या भरोसा

ना हो कभी तू जुदा

ना हो कभी तू खफा


धड़कने मेरी बढा देता है

एक दीदार तेरा

अपने होश खो देता हूँ

ऐसा है खुमार तेरा

तन्हा हूँ मैं


इस कदर

आता नहीं क्यू

तुझको नज़र

जाने क्यूँ है ये अन्धेरा

ना हो कभी तू जुदा

ना हो कभी तू खफा।


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