ज़िंदगी
ज़िंदगी
1 min
64
रिश्तों से बनती हूँ
रिश्तों से बिगड़ती हूँ
मैं ज़िंदगी हूँ
यूं ही चलती हूँ
मैं तुझमे भी हूँ
मैं उसमे भी हूँ
जैसा चाहे बना लो
मैं कुछ न कहती हूँ
पत्थर सी सख्त हूँ
हवा सी हलकी भी
मुझे मधुर गीत बना
मै थिरकता संगीत भी
तुझको देख कर ही
तेरी कहानी लिखती हूँ
मै ज़िंदगी हूँ
मै यूँ ही चलती हूँ।