थोड़ा सा तुम बदलो, थोड़ा सा हम बदलते हैं, आओ इस रिश्ते की ईक नई शुरूआत करते हैं| थोड़ा सा तुम बदलो, थोड़ा सा हम बदलते हैं, आओ इस रिश्ते की ईक नई शुरूआत करते हैं|
मै ज़िंदगी हूँ मै यूँ ही चलती हूँ। मै ज़िंदगी हूँ मै यूँ ही चलती हूँ।
जब रंजिशें उबाल पर हो। आंच हटा लेना ही ठीक होता है. जब रंजिशें उबाल पर हो। आंच हटा लेना ही ठीक होता है.
टूटे रिश्तो की जमीन पर नए रिश्ते पनप न पाएंगे । टूटे रिश्तो की जमीन पर नए रिश्ते पनप न पाएंगे ।
जिंदगी भर प्यार का यार होता है । जिंदगी भर प्यार का यार होता है ।
लिखता कुछ हूँ करता कुछ हूँ अपना भी ये व्यवहार हो गया लिखता कुछ हूँ करता कुछ हूँ अपना भी ये व्यवहार हो गया