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Mayur Krishna

Tragedy Others

4  

Mayur Krishna

Tragedy Others

ना रहा...

ना रहा...

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वक़्त मेरा 

ना रहा 

वक़्त तेरा 

ना रहा 


मैंने सही

तपिश इश्क़ की 

तू तो इसकी

छावं में भी 

ना रहा


एहसासो को

समझाते हैं 

आंखों को

छुपाते हैं 


कुछ पल

ठहर कर तो 

देखते 

सब्र हमें 

ना रहा 

सब्र तुम्हें

ना रहा 


चलो अब ना

तो फिर कभी

ये तसल्ली भी सही 

रिश्ता निभाना 


याद हमें 

ना रहा 

याद तुम्हें

ना रहा।


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