कुछ वक़्त तो लगेगा
कुछ वक़्त तो लगेगा
कुछ वक़्त तो लगेगा
ये वक़्त बदलने में
कुछ वक़्त तो लगेगा
इस वक़्त संभलने में
सोचो की पतझड़ थी
आई और गई है
कुछ चीज़े है बदली
ये बदलना भी सही है
कुछ फूल है टूटे
कुछ फूल है मुरझाये
कुछ वक़्त तो लगेगा
यूँ फिर से खिलने में
कुछ वक़्त तो लगेगा
ये वक़्त बदलने में
अपनों से दूर हुए थे
कुछ पहली बार ऐसे
इस पूरी दुनिया में
तुम ही रह गए हो जैसे
कुछ खोया कुछ पाया
कुछ समझा कुछ समझाया
अपनों की ख़ातिर ही तो
खुद को क़ैद कराया
कुछ वक़्त तो लगेगा
यूँ फिर से चलने में
कुछ वक़्त तो लगेगा
ये वक़्त बदलने में
एक दूसरे का साथ ज़रुरी
फिर से वो विश्वास जरूरी
ईश्वर की संतान है हम
फिर से ये एहसास जरूरी
फिर होली में रंगेगे सबको
साथ त्यौहार मनाएंगे
कुछ वक़्त तो लगेगा
ये रावण को जलने में
कुछ वक़्त तो लगेगा
ये वक़्त बदलने में