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Harsh Singh

Drama Romance

4.8  

Harsh Singh

Drama Romance

पिया चाँद से बैर हुआ

पिया चाँद से बैर हुआ

1 min
325


चाँद चाँदनी से बैर लिया मन को मेरे मोह लिया 

खुद को तो रौशन किया बीच में तुझको डुबो दिया 


रोज़ की बात हुई पुरानी आँखों में उतरा सैलाब का पानी 

राज़ की बात बताए कानी मैं मूरख तू बनी सयानी 


रास ना आये रूठना हमसे मनाये भी कौन जीत पाया कौन तुझसे 

देखो मुझे भागना किससे कौन सुनायेगा तुझे कहानी किस्से 


बात दिल की हुई रूहानी जैसे समुद्र में होता ज्वार भाटा तूफानी 

पसंद ना आये नहीं कोई कहानी चाँद की खुशबू चली बनने चन्दन की रानी 


दे रही मुझे प्यार की थपकी सोचूँ कौन सच्चा कौन ले रहा फिरकी 

किसी और दिन तुम देना मुझे धमकी चाँद रौशन हुआ तुम खोलो तो खिड़की।


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