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Shubham Jain

Drama Tragedy Inspirational

4.7  

Shubham Jain

Drama Tragedy Inspirational

आखिर आपने मेरे लिए किया ही क्या है

आखिर आपने मेरे लिए किया ही क्या है

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एक पुत्र ने पिता से ऐसी बात कह डाली

जिसे सुन कर पिता भीतर से हो गया खाली।

"आखिर आपने मेरे लिए किया ही क्या है "

आखिर आपने मेरे लिए किया ही क्या है

पुत्र ने पिता से कह डाली यह बात

जिसे सुन पिता रोया सारी रात।


गूंजती रही उस पिता के कानो मे यह बात सारी रात

"आखिर आपने मेरे लिए किया ही क्या है "

हां आखिर किया ही था उस पिता ने

मुश्किल के दिनों मे एक रोटी खाता था

ताकि उसकी औलाद भर पेट खाना खा सके

बस मीलों पैदल चल के पैसे बचाता था


ताकि उसकी औलाद अच्छे स्कूल मे जा सके।

बस दिन भर के कामो से थक कर भी

अपने बेटे की ऊँगली पकड़ उसे चलना सिखाता था

कभी घोड़ा बन बच्चे को पीठ पे घुमाता

तो कभी कंधे पे बैठा कर मेला ले जाता था।


बस जब भी उसका बेटा बीमार हो जाये

तो वह पिता सारी रात सो ना पाता था।

बस और आखिर किया ही क्या था।

जीवन मे इतनी भी तरक्की मत करना

की वह ऊँगली ही भूल जाओ

जिन्हें पकड़ तुमने चलना सीखा था।।


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