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Jalpa lalani 'Zoya'

Drama Crime Others

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Jalpa lalani 'Zoya'

Drama Crime Others

गुस्ताखी-ए-जुर्म

गुस्ताखी-ए-जुर्म

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हुआ है मलाल  अब  ख़ुद से  नज़रें  चुराने  लगे  वो

करके गुस्ताखी-ए-जुर्म अवाम से मुंह छुपाने लगे वो


बिना  सबूत  सच्चाई  साबित नहीं  होती  अदालत  में

औरों पर इल्जाम लगा के गुनाह पर पर्दा गिराने लगे वो


झूठ की चीनी मिला के सच का कड़वा शर्बत पीया नहीं गया

आबेहयात  में  जहर  घोलकर  सबको  पिलाने  लगे  वो


अल्लाह के दर पे सर  झुकाकर  सजदे  में करते है तौबा

होकर बेख़बर ख़ुदा की नज़रों से असरार दफनाने लगे वो।



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