एक दिन
एक दिन
मुझे इतना सताता है
पल-पल रूलाता है
फिर भूल जाता है,
पर मैं भूल नहीं पाती हूँ।
दिलों-जान से चाहो जिसे
क्यूँ वो मिलता नहीं,
उसकी यादों में
फूल भी खिलता नहीं,
बस एक उम्मीद
के सहारे,
गुजरती है शाम,
कि वो आयेगा एक दिन,
सारे दिन आ कर
चले जाते हैं,
मगर आता नहीं
वो एक दिन,
ये आँखें
उसके इंतजार में
आज भी
पलकें बिछाये बैठी है,
सिर्फ उस एक दिन
की आस में,
अब तो
सारी उम्र
गुजर जायेगी
उस एक दिन की तलाश में,
कभी तो आयेगा
वो एक दिन,
अगर वो एक दिन आया,
तो मैं उसे
जाने नहीं दूँगी,
जी भर के
निहारूँगी उसे,
उसकी खुशबू
साँसों में बसा लूँगी
ताकि वो कल
चला जाया, फिर भी ना जाये
वो एक दिन,
मेरी आँखों ने इतने अश्क बहाये
कि सारा समन्दर
खाली हो गया,
बस इस एक दिन
के लिए,
मेरी तलाश पूरी हुई,
क्योंकि मुझे मिल गया
वो एक दिन, ये लम्हाँ गुजरे ना
बस तुझे देखती रहूँ।।