एक अर्ज
एक अर्ज
ओ मेरे कान्हा,
इतनी सी अर्ज सुनना,
जब भी आये अंतिम सांसे,
राधा संग तुम चले आना।
दे देना कुछ चरण रज अपनी,
चरणों मे स्थान देना।
न फसूं मैं किसी बंधन में,
बस तेरे धाम ही चल दूँ मैं,
तुझ संग बंधी सांसो की डोर,
तुझ पर ही सांस की अंतिम छोर,
संगम की इस माटी पर,
दरश बस कुछ दे देना,
मुझ अकिंचन को,
शरण अपनी दे देना,
पा तुझको अब और क्या पाना,
मेरी हर सांसो पर,
बस नाम अपना लिख देना,
हे मेरे कान्हा,
बस चरणन में कुछ स्थान दे देना,
जब अंतिम सांस हो,
बस मुख पर तेरा नाम हो,
तुझ संग ही जीवन की,
वो अंतिम शाम हो,
मेरी इस भक्ति को,
बस अपना नाम दे देना।
मेरे कान्हा,जरा मुझे,
चरणों मे जगह देना।