Mamta Gupta

Fantasy Inspirational Children

4.5  

Mamta Gupta

Fantasy Inspirational Children

भूख

भूख

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न जात लिखूँ न पात लिखूं

एक गहरी सी आज बात लिखूं

न भूख लिखू न प्यास लिखूं

एक पापी पेट की आस लिखूं


न उच्च लिखू न नीच लिखूं

झूठन छोड़ने वालों की बात लिखूं

फुटपाथ पर जो भूखे सो रहे बच्चे

उस नन्हे दिल के जज्बात लिखूं


भूख से बिलखती आँते लिखूं

या आँखों से गिरते अश्क़ लिखूं

या आते जाते राहगीरों से लगाते

बिल्कुल छोटी सी उम्मीद लिखूं


न दिन लिखू न रात लिखूं

या सिर्फ पानी का स्वाद लिखू

तीन दिन से मचल रहा पेट भूख से

तड़पते हुए पेट की फरियाद लिखूं


सर्दी में कंपकपाता हुआ जिस्म लिखूं

या गर्मी में झुलझते शरीर की छाल लिखूं

बस भूख को ओढ़ कर सोते हैं नित दिन

या बिना मृदंग बजता कोई ताल लिखूं


अमीरों की गंदी आदतें,स्वाद लिखू

या नाली में व्यर्थ बहता अनाज लिखूं

किसी गरीब का तिरस्कार लिखूं

या आशा से भरा कोई आज लिखू


ईश्वर से बस फरियाद लिखूं

दिल से निकले ख्यालात लिखूं

अमीर लिखूँ चाहे गरीब लिखूं

भूखा न रहे कोई ये बात लिखूं।


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