जय बोलो भगवान की
जय बोलो भगवान की
जय बोलो ,जय बोलो
इस युग के अवतार की
साक्षात भगवान की
श्री विधासागर महान की
जय बोलो, जय बोलो
दर्शन मात्र से गुरुवर के
सब दुख दूर हो जाते है
चरणरज माथ लगाते ही
हम भव, भव का सुख पाते है
जय बोलो,जय बोलो
साक्षात भगवान की
गुरुवर का काफिला चलता है
जब मौसम अंगड़ाई लेता है
अवनी भी इठलाती है
अंबर भी मुस्काता है
राह के कंकड़ पत्थर भी सब
फूल से बिछ जाते है
आसमां भी हल्के फुल्के
पुष्प से बरसाता है
उस राह की&nb
sp;वो धूल भी
चंदन सी बन जाती है
हर प्राणी मात्र मुस्कराता है
प्रकृति भी खिल जाती है
जय-बोलो जय बोलो
इस धरती के भगवान की
गुरुवर का काफिला चलता है
तब सामोसरण सा लगता है
प्राणी मात्र का दर्शन कर ही
ह्रदय कमल खिल जाता है
मनवांछित फल पाता है
जीवन सफल हो जाता है
कदम जहां रुक जाए गुरुवर के
वो धरा पूज्य होजाती है
वहां तीर्थ धाम बन जाता है
कुण्डलपुर, नेमावर,अमरकंटक
सा नजारा नजर आता है
जय बोलो जय बोलो
इस युग के ऋषिराज की
जय बोलो, जय बोलो।