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Mamta Gupta

Inspirational

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Mamta Gupta

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दुनिया का दस्तूर

दुनिया का दस्तूर

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आज अपने दम पर हम दुनिया से आगे निकल आए...

यह खबर सुनते ही कुछ लोग टांग खिचने चले आए...


शायद उन्हें मेरी सफलता रास नहीं आ रही क्या करें ...

इसलिए कमबख्त वो फिर से मुझे रुलाने चले आए...


भूलकर पुरानी बातों को, खुद के लिए जीने लगी हूँ

अतीत याद दिलाकर, जख्मों पे नमक छिड़कने चले आए..


मुश्किलों से लड़कर मैंने खुद को मजबूत बनाया है..

आज मेरे हौसले को, फिर से सब तोड़ने चले आए...


बिन सहारे के मैं आगे बढ़ने लगी हूँ , यह देखकर...

मेरे आत्मसम्मान पर चोट करके, मुझे गिराने चले आए...


कभी छोड़ दिया तरसता हुआ मुझे यूँ ही मेरे अपनों ने...

 वक्त बदलता देख, मुझसे रिश्ता फिर निभाने चले आए...


जो छोड़ कर गए, यह कहकर कफ़न को भी तरसोगी..

आज वही लोग मेरी मौत पर आँसू बहाने चले आए...


फिक्र मत कर "ममता" यह मतलबी दुनिया का दस्तूर है...

शायद दुनिया की रीत ही अपने फिर दोहराने चले आए..



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