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Mamta Gupta

Romance

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Mamta Gupta

Romance

लिखे जो आंसुओ से मैने

लिखे जो आंसुओ से मैने

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लिखे जो ख़त आंसुओ से मैने,

पढ़ा तो तुमने जरूर होगा।

क्या अब करुँ मैं तुमसे शिकायत।

क्या अब करुँ मैं तुमसे शिकायत।

गम ना कभी ये अब दूर होगा।।


लिखें जो खत आंसुओ से मैने...


1) जो सात फेरे हमने है खाये।

सातों वचन जो मैने निभाये।

खुद से भी ज्यादा करी हिफ़ाजत।

खुद से भी ज्यादा करी हिफाजत

सोचा नही वो ही दूर होगा।


लिखें जो खत आंसुओ से मैने.....


2) मेरे भरोसे को तुमने तोड़ा,

लुटाई मैने थी दिल की दौलत

प्रेम की कीमत तुमने ना जानी

प्रेम की कीमत तुमने ना जानी

घमंड तुम्हारा भी चूर होगा।

लिखे जो खत आंसुओ से मैने......


3) तू जिनके है दिलो में रहता

मेरी दुआओ का ही असर है।

तेरी हकीकत से अनजाने

तेरी हकीकत से अनजाने

शायद ये मेरा कसूर होगा

लिखें जो खत आंसुओ से मैने.......


4)किस्मत ने कैसा ये खेल खेला।

है सच्चा इंसान क्यो अकेला।।

वफ़ा के बदले वफ़ा मिले ना

वफ़ा के बदले वफ़ा मिले ना

जिंदगी में कैसे फिर नूर होगा।


लिखे जो खत आंसुओ से मैने.......

पढ़ा तो तुमने जरूर होगा।


तर्ज(तुम्हारी नजरो से हमने देखा)



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