चलो फिर से नई शुरूआत करते हैं
चलो फिर से नई शुरूआत करते हैं
चलो आज फिर से नई शुरुआत करते हैं
बेरंग सी ज़िंदगी मे चाहतों के रंग भरते हैं।
कुछ मेरी सुनना कुछ अपनी सुनाना ...
कुछ पल के लिए एक दूजे के हमदर्द बनते हैं ...
चलो आज फिर से....
भूलकर पुरानी रंजिशों को , माफ करे हर कहासुनी को ...
एक बार फिर से एक दूजे के गले लगते हैं ...
चलो आज फिर से....
वो प्यारे से बीते पल हसीन लम्हे हसीन शाम.....
खट्टी मीठी वो सुनहरी यादे फिर से वो पल "जी" लेते है ...
चलो आज फिर से....
हमने न जाने बात पर कितना सुना औऱ कितना सुनाया ...
आज बैठकर एक दूजे से किस्से हजार कहते है ...
चलो आज फिर से......
क्या खोया क्या पाया , सफलता के कितने अम्बर हैं छुएं ...
आओ फिर एक दूजे के हमसफ़र बनते हैं ...
चलो आज फिर से .......
चलो ज़िंदगी का सफर तय करते हैं ...
थोड़ा मैं ,थोड़ा तुम बढ़ हम हाथ थाम लेते हैं ...
चलो आज फिर से...
बीते वक्त को भूल,आने वाले कल की खुशियां मनाते हैं
चलो!!एक दूजे को वापस दिल से अपनाते हैं.....
चलो आज फिर से नई शुरुआत करते हैं।
