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Mamta Gupta

Inspirational

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Mamta Gupta

Inspirational

जरा सी खता

जरा सी खता

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जरा सी खता पर यूँ मुँह मोड़ा नहीं करते

बीच सफर में साथ, यूँ छोड़ा नहीं करते।

यूँ तो अक्सर होती रहती खता एक दूजे से,

लेकिन ये सात वचन यूँ तोड़ा नहीं करते।।


चलो उलझे धागों को फिर बैठकर सुलझाते है

लगी हुई गाँठ को हम मिलकर सुलझाते है।

रिश्ता तो हम दोनों को ही ताउम्र निभाना है

चलो आज हम एक दूजे को प्यार से समझाते है।।


कभी ठेस न पहुँचे दोनो के स्वाभिमान को

चलो कदम बढ़ाए एक दूजे के सम्मान को।

चलो थोड़ा ठंडे दिमाग से अब काम लेते 

भूल पुरानी बातें,रिश्ते को दोस्ती का नाम देते है।।


चलो आज एक दूजे के सम्मान में सिर झुकाते है

साथ जन्मों के बंधन को फिर से मजबूत बनाते है।

जरा सी खता से अब कभी हम खफा नहीं होंगे

ईश्वर को साक्षी मानकर,आज ये कसम खाते है।।।


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