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Nirdosh Jain

Fantasy

4  

Nirdosh Jain

Fantasy

प्यार

प्यार

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प्यार प्यार प्यार सिर्फ प्यार दोस्तों

आदमी कॊ चाहिये बस प्यार दोस्तों

प्यार बिना दुनियाँ बेकार दोस्तों

प्यार से ही घर संसारदोस्तों।


प्यार से ही पत्थर भगवान  दोस्तों

प्यार से ही दुश्मन मेहमान दोस्तों

प्यार से ही झुकता आसमान दोस्तों

प्यार से ही अपना जहांन  दोस्तों।


प्यार से ही प्यारा हिंदुस्तान दोस्तों

प्यार से ना हिंदू ना मुसलमान दोस्तों

प्यार से सिर्फ बनता इंसान दोस्तों

प्यार से पाषाण भी मोमदोस्तों।


प्यार के ही सारे ये रिश्तेदोस्तों

प्

यार से ही भाई बहन का प्यार दोस्तों

प्यार से ही माता पिता संसार दोस्तों

प्यार से ही सासु तीर्थ ससुरा तीर्थ दोस्तों

प्यार से ही तीर्थ साले साली दोस्तों

प्यार से ही चारों धाम घरवालीदोस्तों।


प्यार ही जीवन का यथार्थ  दोस्तों

प्यार मे तनिक ना हो स्वार्थ दोस्तों

प्यार ही जीवन का हे सार दोस्तों

"लक्ष्य"जीवन मे सिर्फ प्यार दोस्तों।


प्यार से ही मंदिर मस्जिद गुरूद्वारा दोस्तों

प्यार से ही सारा भारत हमारा दोस्तों

प्यार से ही क्या हिंदू सिख मुसलमान

सिर्फ हर दिल मे बसता हिंदुस्तान दोस्तों।


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