ले....जाता है
ले....जाता है
प्यार रब तक ले जाता है।
पर यह हिस्से भी,
किसी -किसी के आता है।
प्यार रब तक ले जाता है।
जिंदगी - जिंदगीयों तक,
इंसान प्यार ढूंढता रहता है।
पर अपने हिस्से का प्यार,
कितनी शिद्दत से पाता है।
इस प्यार को पाने के लिए,
कभी मौत तक जाता है।
लेकिन कितने लोग होगें गिनने में,
जिंहे सच्चा प्यार मिल पाता है।
एक आस, एक खूबसूरत अहसास लिए।
प्यार ख्वाब बन कर, दिल में बैठ जाता है।
जब तलाशनें पर भी न मिले,
तो एक दर्द बन,
जिंदगी की टीस कहलाता है।
और जिसे
मिल गया प्यार ,
वो सारी कायनात पा जाता है।
नज़रे खूबसूरत,
लबों पे प्यार झिलमिलाता है।
उसे दुनिया में,
हर ओर रब ही रब नजर आता है|
जो तलाशता है,उसे कभी
एक नज़र में ,
कभी लफ़जो में,
कभी अहसासों में,
कभी समझ में,
पर तलाश नही पाता है।
सच तो यह है कि ,
वो ढूंढने से ,नही मिलता है।
यह वो लगन है ,
जो शब्दों,फासलों और असित्व से ,
जो परे हो जाता है।
उसी लगन में प्यार से प्यार पा जाता है।
रब को पाकर, प्यार में रब हो जाता है।