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अशोक जोशी

Romance Fantasy Inspirational

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अशोक जोशी

Romance Fantasy Inspirational

वो पल

वो पल

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याद है वो पल,

जब नज़रें हुई थी चार,

खामोशियों का आलम था,

कहनें को बहुत कुछ था,


पर जुंबा कुछ कह न सकीं,

दुरियाँ जो थी दरमियाँ हमारे,

नजदीक भी न आसके,

बस नज़रों ही नज़रों में,


बातें हो गई, न समझी तुम,

न हम ही समझ सकें,

तुफान सा उठा था,

दिल में तुम्हारे भी हमारे भी,


भूला ना सकेंगे वो पल,

जिंदगी भर के लिए।


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