वो पल
वो पल
याद है वो पल,
जब नज़रें हुई थी चार,
खामोशियों का आलम था,
कहनें को बहुत कुछ था,
पर जुंबा कुछ कह न सकीं,
दुरियाँ जो थी दरमियाँ हमारे,
नजदीक भी न आसके,
बस नज़रों ही नज़रों में,
बातें हो गई, न समझी तुम,
न हम ही समझ सकें,
तुफान सा उठा था,
दिल में तुम्हारे भी हमारे भी,
भूला ना सकेंगे वो पल,
जिंदगी भर के लिए।