देश मेरा राम है
देश मेरा राम है
देश मेरा बुद्ध है, कि देश मेरा राम है
नानक कृष्ण वीर ने लिया यहां अवतार है
उनकी पुण्य भूमि को कोटिश प्रणाम है
हजार स्वर्ग से ,यहां कि धूल मूल्यवान है
राधा मोहन कि धरती को कोटिश प्रणाम है
देश मेरा बुद्ध है, किदेश मेरा राम है
देश के लिये बना मैं देश के लिये बना
अपना तन, मन, धन देश के लिये बना
चाहे जब देश हित मेरा तन निकाल लो
मेरा तन निकाल लो मेरा धन निकाल लो
देश से बड़ा नहीं -कोई तीर्थ धाम है
देश मेरा बुद्ध है, कि देश मेरा राम है
इंच, इंच भूमि पर ,हमें यहां गुमान है
लहराता तिरंगा, अपनी ही तो शान है
ऋषि,मुनियों कि भूमि,मेरा हिंदुस्तान है
शहीदों के लहू से लिखा गया गुणगान है
उनकी पुण्य भूमि को कोटिश प्रणाम है
देश मेरा बुद्ध है कि, देश मेरा राम है
मंदिर, मस्जिद, चर्च गुरुद्वारों का देश है
गंगा जमुना सरस्वती का संगम विशेष है
यहां ना कोई हिंदु ना कोई मुसलमान है
अनेकता में एकता जिसकी पहचान है
दुनिया इसको झुक झुक करती सलाम है
देश मेरा बुद्ध है कि देश मेरा राम है।
