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Brijlala Rohan

Classics Fantasy Inspirational

4.5  

Brijlala Rohan

Classics Fantasy Inspirational

माँ ! मुझे दुनिया देखनी ---

माँ ! मुझे दुनिया देखनी ---

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मुझे दुनिया देखनी है ,माँ ! मुझे दुनिया में आने दो माँ !    

पिताजी से बोलो न माँ कि मुझे दुनिया में आने दें !       

क्यों तुम मुझे दुनिया में आने से पहले ही

दुनिया से दूर करने पे तुली हो ??


क्यों आप मुझे इस अंतरंगी दुनिया में आने नहीं देना चाहतीं !

इसलिए न माँ कि मैं एक बेटी हूँ ! बोझ बनूंगी आपलोगों की !

तुम भी तो एक बेटी ही हो न माँ ! तो फिर एक बेटी भी 

दूसरी बेटी का दर्द क्यों नहीं समझ रही ??


मैं तुम्हारी बोझ नहीं बनूंगी ,माँ! स्वावलंबी बनकर जाऊंगी,मैं !

बस मुझे उड़ने से मना नहीं करना मुझे ! अपनी हौसलों की

उड़ान से खुद को ऊँची उठाऊंगी ! तेरी सहारा बन जाऊंगी !


मुझे कुछ नहीं चाहिए सिवाय ममत्व के !

मुझे आने दो माँ ! मुझे दुनिया देखनी -----

आखिर तुम तो माँ एक माँ हो !

फिर तुममें कहाँ से आई इतनी निर्ममता ?


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