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Ezaz Hussain

Drama Fantasy

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Ezaz Hussain

Drama Fantasy

बेपनाह

बेपनाह

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ख़ुशी का इज़हार,

करते हैं कभी,

तो गम बरसातें हैं,

नीदउँ में !


सुकून की तलाश,

करते-करते,

क़ैद हुए,

सोच ज़ंजीरों में !


आज़ाद मन,

फिर से उड़ने लगा,

हर बंदिशों को तोड़ !


दिल का पंछी,

हर गम से बेगाना,

फिर से चला,

मंज़िलों की और !


दूर तलक,

तेरी नज़रें,

बीचे आज़माती है,

एक नया सवेरा !


एक मुद्दत बाद,

सम्भलें दो दिल,

फिर से ढूँढ लेंगे,

कहीं बसेरा !


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