तस्वीर
तस्वीर
तस्वीर जो बसा दिल में कभी
आईना है वो प्यार का
दिल लगा के चले गए
गुज़रा न वक़्त इंतज़ार का
मुड़ते रहे फिर से बदल गयी
ज़िन्दगी की छाँव में
मिल के बिछड़े हरदम ऐसे
इश्क़ की रहा में
फसलों में भी थी चाहत
जो दिल ने कभी इक़रार किया
ऐसे कोई न मर्ज़ी थी
जब तुमसे मैंने प्यार किया
दिलों की धड़कन जब तेज़ हुई
मिल के नज़रें तेरे बात से
तनहा दिल को चैन मिला
तेरे इस जज़्बात से
तस्वीर मैं जब क़ैद किया
तेरे इस चेहरे को
हज़ार ख्वाइशें दिल में जगी
तेरे इस पहरे को

