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Ashim Srivastava

Romance

3  

Ashim Srivastava

Romance

"यादें"

"यादें"

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हवा में कुछ नमी सी है,

मौसम भी खुशनुमा है,

न पूछो मेरे दिल से,

इस वक्त वो कहाँ है !       


क्या वो दिन, फिर से आएँगे,       

जो साथ में गुजारे थे,       

बांहों का हार मैंने,       

जब गले में तेरे डालें थे !


ख़ामोश नज़रे तेरी,

शर्मा के हाँ कही थी,

जब आईने में तस्वीर,

दोनो की संग सजी थी !       


ढक के आँखों को तूने,       

लब को मेरे भी छुआ था,       

एक कम्पन शरीर को,       

एहसास तब हुआ था !


मिलन का खुमार,

कुछ इस कदर छाया था,

खुशबु तेरे बदन की,

नस नस मेरे समाया था !      


उन्ही पलों को याद कर,     

मुस्करा रहा हूँ मैं,      

कुछ ऐसे ही प्यार अपना,      

निभा रहा हूँ मैं !!


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