"यादें"
"यादें"
हवा में कुछ नमी सी है,
मौसम भी खुशनुमा है,
न पूछो मेरे दिल से,
इस वक्त वो कहाँ है !
क्या वो दिन, फिर से आएँगे,
जो साथ में गुजारे थे,
बांहों का हार मैंने,
जब गले में तेरे डालें थे !
ख़ामोश नज़रे तेरी,
शर्मा के हाँ कही थी,
जब आईने में तस्वीर,
दोनो की संग सजी थी !
ढक के आँखों को तूने,
लब को मेरे भी छुआ था,
एक कम्पन शरीर को,
एहसास तब हुआ था !
मिलन का खुमार,
कुछ इस कदर छाया था,
खुशबु तेरे बदन की,
नस नस मेरे समाया था !
उन्ही पलों को याद कर,
मुस्करा रहा हूँ मैं,
कुछ ऐसे ही प्यार अपना,
निभा रहा हूँ मैं !!

