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Ashim Srivastava

Abstract

4.0  

Ashim Srivastava

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आंसू

आंसू

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कई बार तेरे गालो को चूमा,

कई बार लबों तक आया हूँ,

अंधेरो में भी साथ हो जो,

मै वही तुम्हरा साया हूँ

खुद नजरो से गिरा कर तूने,

फिर नजरो तक लाया है,

किसी ने पूछा जो नाम मेरा,

मैंने आंसू उसे बताया है। 


 


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