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Ashim Srivastava

Romance

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Ashim Srivastava

Romance

जज्बात

जज्बात

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लेकर अरमान तेरे दर पे तो आया!

पर तुम्हे दूर बहुत दूर दूर पाया!


जाने ये दूरी मन की थी, या एहसासों की,

समय की व्यस्तता थी, या दूरी ख्यालातों की,

पर जो भी हो, मुझे तुमसे कोई गिला नहीं,


क्योंकी समझे मेरे जज्बातो को,

ऐसा कोई मिला नहीं!

क्योंकी समझे मेरे जज्बातो को,

ऐसा कोई मिला नहीं!


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