बहना
बहना
यू तो अक्सर,
तू याद आती है,
पर रक्षाबंधन पास हो,
तो बहना तू ,
बहुत याद आती है।
वो रुठना मनाना,
वो चिढ़ना चिढ़ाना,
कभी तेरे हिस्से का खाना,
कभी अपना खिलाना,
कभी कंघों में उलझे,
बालों के लिए लड़ना,
कभी माँ-पापा का,
तेरा पक्ष,
लेने पर अकड़ना।
यू तो अक्सर,
तू याद आती है
पर रक्षाबंधन पास हो,
तो बहना तू ,
बहुत याद आती है।
कभी साथ पढ़ते पढ़ते,
देर रात,
तेरा चाय बनाना,
कभी भीगते कपड़े लेने,
बारिश में,
मुझे छत पर दौड़ाना,
कभी मेरे गलतियों को,
सबसे छुपाना,
कभी मना करने पर भी,
मेरा राज,
सबको बताना।
यू तो अक्सर,
तू याद आती है
पर रक्षाबंधन पास हो,
तो बहना तू ,
बहुत याद आती है।
कभी न सोचा था,
बगैर मिले,
सालों गुजर जाएंगे,
हर एक गुजरे पल सिर्फ,
यादों में समायेंगे,
ज्यादा तर,
फ़ोन पर ही बातें होगी.
व्हाटसप पर, परिवार के,
फोटो भेजे जायेंगे,
राखी, ये राखी,
अपने प्यारी बहना की,
किसी और से बंधवायेंंगे
सच,
यू तो अक्सर,
तू याद आती है,
पर रक्षाबंधन पास हो,
तो बहना तू ,
बहुत याद आती है।
बहुत याद आती है।
"एक भाई के कलम से"
