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AKSHAT YAGNIC

Romance

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AKSHAT YAGNIC

Romance

उसका एक ज़िक्र क्या कर गया

उसका एक ज़िक्र क्या कर गया

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बस उसके एक ज़िक्र ने कमाल कर दिया

उसके नाम ने मुझे बेहाल सा कर दिया 

सिर्फ सुना उसका नाम और छा गया एक नशा सा 

होश में होते हुए भी मैं हो गया बेहोश सा 

क्या गजब था उस नाम मे पता नहीं चला मुझको 

पर कुछ उस ऊपर वाले की शक्ति है ये एहसास हुआ मुझको 

जिस शक्ति ने उसके नाम से किया ये चमत्कार 

और दिया मुझे ये सुंदर सा उपहार 

उसी शक्ति से अब मैं मांगता हूँ एक वरदान 

वो नाम जुड़े मेरे नाम के साथ, बढ़ जाये मेरा मान 

उस नाम के ज़िक्र भर ने जो कर दी है मेरी हालत 

उसे देख कर अब मुझे लगता है हो जाएगी उसकी आदत 

कुछ खोया सा रहने लगा हूँ दिन भर 

बस उसके बारे मे सोचता रेहता हूँ दिन भर 

उसका बस ये एक ज़िक्र हुआ 

और मैं खुद ही खुद से अलग हो गया।



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