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AKSHAT YAGNIC

Abstract

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AKSHAT YAGNIC

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जीवन का अटल सत्य

जीवन का अटल सत्य

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जीवन भर फिराक में रहता हूं मैं

कि इकट्ठा करूं ढेर सारा धन न 

परंतु जीवन की है अजीब माया 

मैं यहां होकर भी यहां नहीं समाया 

मन में है धारणाएं कई सारी

परंतु पूरे जीवन में भी आती नहीं उनकी बारी 

तब लगता है जीवन बहुत छोटा सा है 

परंतु जब भी मैं होता हूं उदास 

तो लगता है जीवन कई वर्षों का है

परंतु इन सब सुख दुख के बीच में

केवल एक सत्य अटल सा रहता है

मेरे पास वही एक सत्य है

जो देता है मुझे जीने का विश्वास

वह सत्य है प्रेम का सत्य

जिसने जीवन में सच्चा प्रेम किया 

उसने मानो परमात्मा को पा लिया 

अपने सुख और दुख के बीच में मैं 

यदि महसूस कर सकूं एक प्रेम की गंगा 

तो हो उठेगा मेरा मन निश्चल 

मिल जाएगा हर मुसीबत का हल

पहचानने लगा हूं जीवन का यह अटल सत्य। 



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