STORYMIRROR

AKSHAT YAGNIC

Abstract

3  

AKSHAT YAGNIC

Abstract

जीवन की सीख

जीवन की सीख

1 min
11.9K

मैंने सोचा एक दिन कि मैंने जीवन से क्या सीखा?

जवाब आया मेरे मन से तूने सीखा है सोचना 

जवाब आया मेरे दिल से कि तूने सीखा है महसूस

करना 

जवाब आया मेरी आंखों से कि तूने सीखा है देखना

और जवाब आया मेरी आत्मा से तूने सीखा है जीना


इन सब के जवाबों को लेकर जब मैंने देखा

खुद को आईने में तो पाया कि हर वस्तु है नश्वर 

तो फिर क्या हुआ यह सब सीखने का परिणाम

जबकि रह जाएगा मेरे बाद केवल मेरा नाम 

यदि मैंने अर्जित किया है धन और ज्ञान 

तो वह भी तो चला जाएगा मेरे साथ

इसी उधेड़बुन में लिपटा हुआ मैं उठ खड़ा हुआ

अपने स्वप्न से जिसने मुझे सोचने पर किया मुझे

मजबूर


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract