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Neeraj pal

Abstract

5.0  

Neeraj pal

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गजल।

गजल।

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900


प्यार गरीबों से करें वह बहुत दिलदार मिलेंगे।

दिल कर दे जो कुरुवा ऐसे गम खार मिलेंगे।।


ऐसे तो परिवार वाले सब हैं करीबी रिश्ते।

गर्दिश में गर सितारे हों तो कोई न मिलेंगे।।


अपने लिए तो सभी जीते हैं बड़े शान और शौकत से।

गैरों के लिए जीने वाले बहुत ही कम मिलेंगे।।


क्यों फिजूल खर्च करता है पत्थरों की मूर्तियों पर।

उसके बनाए बंन्दों पर रहम दिल तुझे नहीं मिलेंगे।।


बेदर्द और ईर्ष्यालुओं को क्या काम है उनसे।

जो नेक दिल हैं उन्हें हर बार मिलेंगे।।


सच्ची लगन से जो सेवा करते हैं उनकी।

इस जन्म में न मिल पाए तो उस जन्म में मिलेंगे।।


असली इबादत करनी है तो तंग दिल बन जा।

फिर देख तेरे जीवन में तेरे यार मिलेंगे।।


जीवन गर चाहता है असली मकसद से जीना।

"नीरज" धैर्य रख जो तुझे सरेबाजार मिलेंगे।।


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