हे नारी,तू कैसी महान !
हे नारी,तू कैसी महान !
हे नारी, तू कैसी महान;
हे नारी, तू कैसी महान;
सहनशक्ति ना तुझसी भारी,
तुझसा ना कोई दयावान।
हे नारी, तू कैसी महान;
हे नारी, तू कैसी महान;
सच्ची माँ तू पतिव्रता,
सहेली तू , तू ही सखा।
नम्रता,ममता गहने तेरे;
बखानू कैसे तेरे प्रेम की माया,
कभी ज्वाला कभी शीतल छाया;
कभी दृढ़ कभी क्षमावान।
हे नारी, तू कैसी महान;
हे नारी, तू कैसी महान;
बाबुल का गहना तेरे बस में,
चुपकर सहना तेरे बस में;
परमेश्वर ने दिया तुझे ये अटल दान।
हे नारी, तू कैसी महान;
हे नारी, तू कैसी महान;
रिश्तों को रचना तू ही सिखाती,
हर रस्म निभाना तू ही सिखाती,
मर के देती कस्मों को प्राण।
हे नारी, तू कैसी महान;
हे नारी, तू कैसी महान।
