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Meera Kannaujiya

Inspirational

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Meera Kannaujiya

Inspirational

मेरी माँ!

मेरी माँ!

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प्यार,दया,शांति ऐसी पहचान तेरी माँ!

होगी तू कम पढ़ी लिखी, पर मेरे लिए ज्ञानवान मेरी माँ!


चेहरा पढ़ना,अंतरंग में झाँकना, कहाँ तुझ सा कोई मनोविज्ञान मेरी माँ!

तेरी नन्हीं सी गोद में आज भी मिल जाती है भरपूर शांति, 

तेरे दुलार में मैं किसे तौलूं ,तुझ सा कहाँ कोई इंसान मेरी माँ!


चाहे उठें हजारों सवाल मुझपे,पर तेरी अदालत में मैं गुनहगार नहीं माँ!

कभी तुझे मुँह से कहा नहीं पर मेरे लिए 

तू ख़ुदा का उपहार मेरी माँ!


तेरा प्यार भरा स्पर्श, उस जिंदा खुदा की महिमा करता है,

जिसने मुझे तेरे गर्भ में सिरजा है मेरी माँ!

बलिदान,अमन,खुशहाली;कोई एक रंग ऐसा होता

जिससे तुझे जोड़ सकूँ मेरी माँ!


अपनी खुशियों को ताक पर रख के ,मेरी दुनिया रंगीन करते-करते,

तेरे काले बालों में सफेदी आई मेरी माँ!


आज दिल धन्यवाद करता है, उस अनंत सृष्टिकर्ता को शत-शत नमन करता है;

कि ऐसा शख़्स हमें दिया जिसे एक अनबूझ नवजात भी माँ माँ पुकारता है।

माँ माँ पुकारता है!


प्यार,दया,शांति ऐसी पहचान तेरी माँ!

होगी तू कम पढ़ी लिखी, पर मेरे लिए ज्ञानवान मेरी माँ!


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