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AKSHAT YAGNIC

Romance

3  

AKSHAT YAGNIC

Romance

नैनों की ये बात

नैनों की ये बात

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जब मिलते हैं नैनों से किसी के नैन 

तो खो ही जाता है चैन 

नहीं रहती सुध बुध फिर किसी की 

याद रहती है बस एक तस्वीर उसी चेहरे की 

कैसे बिताए जाएँ तन्हा रातें और दिन 

दिन ही तो नहीं बीत पाते उन नैनों के बिन 

ध्यान किसमे लगाया जाये रहती है ये उलझन 

कैसे शांत करें मन की ये तड़पन 


हाँ पर दुनिया बदल जाती है

जब मिलते हैं वो दो नैन 

एक शांति भी रहती है आत्मा में

चाहे दिल हो बेचैन 

बस ऐसा हो जाये तो जीवन संवार जाए 

हो जाए जीवन की हर समस्या का उपाय 

ये ही तो होता है अक्सर 

जब मिलते हैं वो दो नैन


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