कृष्ण की भक्ति का रस
कृष्ण की भक्ति का रस
कृष्ण की भक्ति में जो एक बार डूबा
वह डूब के भवसागर से पार हुआ
केशव के रंग में जो एक बार रंग गया
उसे मानो जीवन का सार मिल गया
गीता का ज्ञान देने वाले माधव का साथ
इस संसार के सारे सुखों से है निराला
अर्जुन के सारथी बनने वाले वासुदेव की छाया
मिटा देती है सारे भ्रम दूर कर देती है माया
इस भक्ति के रस को पहचान सके जो कोई
उसके जीवन का तो हर पल ही बन जाये स्वर्ग से सुंदर
कृष्ण के चरणों में जो मिले मुझे एक स्थान
हो जाऊंगा धन्य, बढ़ेगा मेरा तीनों लोकों में मान
लूँ अगर मैं इस रहस्य को पहचान
हो जाऊँगा मैं सबसे धनवान
