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AKSHAT YAGNIC

Abstract

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AKSHAT YAGNIC

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वह रात का अंधेरा

वह रात का अंधेरा

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वह जो रात का अंधेरा है

उसने आकर मुझे घेरा है

कहता है मुझसे मुझ में समा जा

और मुझ में ध्यान लगा के

अमूल्य धन तू कमा जा 

यह धन होगा हमेशा तेरे साथ

नहीं आएगा किसी और के हाथ

अंधेरे से सीख उजाले की कीमत क्या है

अंधेरे में आकर देख जीवन की कीमत क्या है 

यह अंधेरा सिखाएगा तुझे जीने के गुण

और इन्हीं गुणों से फिर तू नए सपने ले बुन

उन्हीं सपनों से खड़ा कर संसार अपना

जिसकी नींव में हो अंधेरे से जागा हुआ सपना

तभी तेरा जीवन हो पाएगा सफल 

क्योंकि अंधेरा ही तो है तेरे जीवन के उजाले का फल!


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