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AKSHAT YAGNIC

Romance

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AKSHAT YAGNIC

Romance

वह चेहरा

वह चेहरा

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जब हुआ मैं मदहोश 

खो बैठा अपने होश


देखा जब वह सुंदर चेहरा 

दिल धड़क उठा जोरों से मेरा


सांसें लगा जैसे गई थम

नब्ज भी जैसे रुक सी गई


क्या था उस चेहरे में ऐसा खास 

जो हुआ मुझे ऐसा एहसास 


कुछ तो बात थी उस चेहरे में 

जिसने दूर कर दी मेरी सारी उदासी 


हताशा का मतलब भी भूल गया मैं 

खुशी के सागर में डूब गया मैं


अक्सर सुना था मैंने की खूबसूरती होती है

कातिल पर आज तो ले लिया


खूबसूरती ने मेरा दिल

कैसे बताऊं क्या था उस चेहरे में 


सिर्फ एहसास ही है बात

नहीं बताने जैसी शब्दों में।


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