चिराग...। चिराग...।
मैंने देखा है, प्रकाश को संघर्ष करते हुए...! मैंने देखा है, प्रकाश को संघर्ष करते हुए...!
अमावस की रात है चन्द्रमा बिन ऐसी ही काली अंधेरी होती है... अमावस की रात है चन्द्रमा बिन ऐसी ही काली अंधेरी होती है...
अंधेरा बढ़ता ही जा रहा था रात और भी घनी होती जा थी मानो, इस रात की सुबह नहीं...! अंधेरा बढ़ता ही जा रहा था रात और भी घनी होती जा थी मानो, इस रात की सुबह नहीं....
देखते आसमान के तारों को मन में नही होता उनके चैन गौधूली के समय से ही लगे हैं खेलने अपना खेल । देखते आसमान के तारों को मन में नही होता उनके चैन गौधूली के समय से ही लगे हैं ...
और इसी तरह चार दिन की चांदनी के बाद मेरी पांचवी रात फिर रह गयी अंधेरी ? और इसी तरह चार दिन की चांदनी के बाद मेरी पांचवी रात फिर रह गयी अंधेरी ?