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Kavita Verma

Abstract

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Kavita Verma

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बुलबुले

बुलबुले

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नदी के तल से उठते बुलबुले

कहते हैं बड़ी बात 

अपने छोटे से जीवन में 

अगर लिया है कुछ 

तो देना भी है जरूरी

 

यही बनाता है संतुलन 

जीवन और प्रकृति में 

देते हुए हो कोशिश 

लौटाएं लिये से बेहतर


जैसे पानी में डूबे ये तुच्छ पौधे 

धुंधले प्रकाश और हवा के बदले 

लौटाते प्राणवायु 

और जीवित रखते हैं 

डूबा हुआ एक पूरा संसार। 


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