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Kavita Verma

Fantasy

4  

Kavita Verma

Fantasy

कहानी

कहानी

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चूल्हे पर चढ़ी खाली हांड़ी से 

कुछ दाने पके चावल के 

बच्चे को खिलाते  हुए 

माँ का मन कसमसाया होगा 

भूखे बच्चे को थपक सुलाते हुए 

भरे पेट का एहसास कराने 

कहानी में रोटी को 

चाँद से भरमाया होगा। 


दिला दो नए कपडे माँ 

बेटी की जिद पर 

माँ को गुस्सा आया होगा 

लगा दो चांटे उसे चुप कराया होगा 

फटे आँचल से पोंछते आँसू 

बिटिया को बहलाया होगा 

कात रही है सूत बूढी माँ 

तेरी फ्राक बनाने को 

बेटी को सुलाते हुए ये 

सपना उसके मन जगाया होगा। 


खिलौने,कपडे ,रोटी,मिठाई 

झूले,गुब्बारे,दूध की मलाई 

पूरे न हो सकें जो कभी 

लेकिन बनें रहें उनके ख्यालों में 

ताकि उन्हें पाने की आस में 

बच्चे करते रहें कोशिशें 

ऐसे ही किसी ख्याल ने 

माँ के मन में 

कहानी को उपजाया होगा।


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