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V. Aaradhyaa

Romance Tragedy Fantasy

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V. Aaradhyaa

Romance Tragedy Fantasy

मेरा मुकद्दर

मेरा मुकद्दर

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ज़ब दिल में हो जंग अंतरिम भावनाओं से 

प्यार हम महसूस कराएंगे कविताओं से।


जो पेश आता है हमसे हर दम दुश्मनी से

मुहब्बत हमें जताना चाहिए कभी उन्हीं से।


जो उसका गम है उसको बारहा मुबारक

अ़दावत हम भी नहीं रखते अब किसी से।


मुक़द्दर में चाहे कितनी लिखी हो दुश्वारियां  

करें शिकवा हम भला क्यों इस ज़िन्दगी से।


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