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हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Romance Fantasy Inspirational

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हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Romance Fantasy Inspirational

ये तेरा घर ये मेरा घर

ये तेरा घर ये मेरा घर

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सुनो प्रिये, अपने सपनों का 

एक सुंदर सा घर बनाया है 

जिसे मैंने अपन दोनों के 

अरमानों से उसे सजाया है 


विश्वास की मजबूत नींव पर 

परिश्रम की दीवारें खड़ी की हैं 

धैर्य और साहस के अद्भुत मिश्रण से 

सोच की मीनारें बड़ी की हैं 


दिल रूपी विशाल दरवाजे से 

कोमल भावनाओं का प्रवेश होगा 

संवेदनाएं निडर होकर यहां रह सकेंगी 

और धड़कनों का साम्राज्य होगा 


सौहार्द रूपी खिड़कियों से 

प्रेम रूपी शीतल हवाएं आयेंगी 

जो हम दोनों को अपने आगोश में 

भरकर, तर बतर कर जायेंगी 


इस घर में आशा की किरण से 

हरदम उजाला रहेगा 

उत्साह, उमंग रूपी बगिया की 

बहारों का सदैव बोलबाला रहेगा 

विचारों के लंबे चौड़े आंगन में 

ख्वाब निसंकोच खेला करेंगे 

उनकी किलकारियां सुन सुन कर 

हम दोनों कितने मुदित हुआ करेंगे 

चाहतों के बेडरूम में 

हंसी ठिठोलियों का पलंग होगा 

तेरे आंचल की चादर होगी 

मेरी बांहों का तकिया होगा। 


सामंजस्य रूपी रसोई में 

कल्पनाओं की खिचड़ी पकेगी 

छोटी छोटी लड़ाइयों का नमक होगा 

और मीठे बोलों की चाशनी चढ़ेगी 

ये तुम्हारे सपनों के जैसा ही घर है ना ?

इसमें कोई कमी तो नहीं है ? 

यहां पर केवल प्रेम ही प्रेम रहेगा 

नफरतों के लिए यहां कोई जगह नहीं है।


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