एहसास हैं उसे और हमें भी ..!
एहसास हैं उसे और हमें भी ..!
उसके चेहरे पर जो हँसी है वो झूठी है
ये माथे की उसकी शिक्कन बताती है
धोखा खाया है प्यार मैं जब से उसने
तबसे किसी के पास आने से कतराती है
दिखती है हमेशा लोगों के बीच
लेकिन मुझे अकेले नज़र आती है
शिद्दत से लगी है भूलने मैं किसी को
लगता जैसे इक दो रोज़ मैं भूल जाना चाहती है
नयी मोहब्बत से डरती है इसलिए
मुझे देखती भी है और बात करने मैं कतराती भी है
मैं जानता नहीं उसे इतना अभी लेकिन
उसके दिल की आवाज़ मेरे कानो तक आती है
यारो वो धोखेबाज़ नहीं बस जरा जज़्बाती है।