॥ वो सबसे अलग हैं शायद ॥
॥ वो सबसे अलग हैं शायद ॥
मिली थी जब लगी तनहा थी शायद
मोहब्बत मैं किसी से खफा थी शायद
लगती मुझे सबसे जुड़ा सी शायद
फ़िक्र करती जब लगा खुदा हैं शायद
बदल गई हैं अब लगता जैसे कोई गिल्ला हैं शायद
बताती नहीं पर पता चला है,
किसी दूसरे पर हुई अब फ़िदा हैं शायद।

