STORYMIRROR

Sudhir Srivastava

Abstract

4  

Sudhir Srivastava

Abstract

हाइकु-विजयदशमी

हाइकु-विजयदशमी

1 min
578

विजयपर्व

है विजयदशमी 

जीत सको तो


रावण भला

मरता कब कहाँ

बताओ भला।


अकेला था वो

और अब रावण

अनगिनत।


रावण भला

रावण को मारेगा

यकीन नहीं।


रावण कभी

मर नहीं सकता

मारेगा कौन?


तुम रावण

हम भी तो रावण

मार सकोगे।


रावण भला

मरेगा भी तो कैसे

रावण मारे।


राम कुपित

रावण ही रावण

कितना मारें।


विजयपर्व

सिर्फ़ औपचारिक

रावण हँसे।


चुनौती देता

हर ओर रावण

बेबस राम



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract