मेरे भी आस-पास
मेरे भी आस-पास
क्या कहना चाहते हैं, ये अहसास ।
के, कोई तो है मेरे भी आस-पास ।।
उसका अहसास, मुझे पल-पल होता ।
नींद खोई, मेरा चैन भी तो खोता ।।
क्या कहना चाहता है, ये मन उदास ।
के, कोई तो है मेरे भी आस-पास ।।
मैंने चाहा उसे, बेइंतहा प्यार किया ।
उसने तो पर, मुझे यूं ही रुसवा किया।।
क्या कहना चाहते हैं, पल ये उदास ।
के, कोई तो है मेरे भी आस-पास ।।
आज फिर याद बनकर पास आ रही है ।
रह-रहकर मुझे क्यों तड़पा रही है ।।
क्या कहना चाहता है, 'सागर' निराश ।
के, कोई तो है मेरे भी आस-पास ।।