जीना सीखो
जीना सीखो
कुछ तन्हाई, इस साल ने दी,
कुछ सबक भी, सीखा गया।
सुख - दुख, अपना - पराया, सब कुछ,
जीना यह वर्ष, सीखा गया।।
कुछ कड़वे, मगर सच्चे अनुभव,
कुछ मीठे, कुछ खट्टे पल।
जीवन नाम है, चलते रहने का,
परिस्थिति को संभालते हुए,
आगे बढ़ने का।।
कहीं, किसी ने, किसी को खोया,
सब कुछ जानकर भी कोई, रहा सोया।
रिश्तों की सच्चाई,
संबंधों की गहराई।
कुछ - कुछ कड़वाहट मन की,
कहीं मिली रुसवाई।।
इतने विकसित थे हम,
पर फिर भी पिछड़े।
इस मुश्किल घड़ी में पर,
हम सब हिम्मत से लड़े।।
सच्चाई जीवन की पर,
वास्तव में बेहद कड़वी है।
इक विपदा का सामना किया,
अभी कितनी विपदा बाकी है !
ख़ैर, एक साथ रहना,
ख़ुश रहना और रखना सीखो ।
जीवन है अनमोल साथियों,
इसे प्रेम से जीना सीखो ।।