याद आई
याद आई
आज फिर, आई तेरी याद तड़पाने मुझे।
बेवजह, रात भर के लिए जगाने मुझे।।
क्यों तुझे भुलाकर भी, तू याद आती है।
आखिर तू मेरी कौन लगती है ।।
तेरी चाहत, आंखों में बसाए मैं,
जी रहा हूं, दर्द सीने में छिपाए मैं।।
आज फिर, आई तेरी याद तड़पाने मुझे।
बेवजह, रात भर के लिए जगाने मुझे।।
क्यों तुझे भुलाकर भी, तू याद आती है।
आखिर तू मेरी कौन लगती है ।।
तेरी चाहत, आंखों में बसाए मैं,
जी रहा हूं, दर्द सीने में छिपाए मैं।।